Friday 14 July 2017

### किधर जाऊँगा मैं ###


मुझसे गर मेरी पहचान छीन ली,
टूट के बिखर जाऊँगा मैं,
और मौन हूं तो रहने दो क्योंकि,
बोल दिया तो रुक न पाऊँगा मैं।

मेरा भी है मकसद परचम लहराने का,
टोका तो मुकर जाऊँगा मैं,
और कुछ बातें दबानी है क्योंकि,
राज खोल दिया तो बढ़ न पाऊँगा मैं।

पैतरे मुझे भी कई पता है बेईमानी के,
रोका तो सुधर भी जाऊँगा मैं,
और साख मुझे भी बचानी है क्योंकि,
ठुकरा दिया तो कभी जीत न पाऊँगा मैं।

ठोकरे खाई, उठ के कई बार खड़ा हुआ,
सम्भाला तो आगे बढ़ जाऊँगा मैं,
और जख्म कई छुपाने है क्योंकि,
दिखा दिया तो प्रभाव छोड़ न पाऊँगा मैं।

मंजिल की तलाश में भटक के थक गया,
बताया नही तो किधर जाऊँगा मैं।

और इतने में भी अंत न मिला तो,
कम से कम मिसाल ही बन जाऊँगा मैं।

Monday 10 July 2017

### निर्दोष भ्रष्टाचार ।।।


मुमकिन है कि हो चाहे इंसान जितना भी निर्दोश,
पर फिर भी क्यों खो देता है अक्सर ही होश,
करता भी है जतन अनेको बिना सोचे ही,
और फिर लगा देता है किसी और पर ही दोष।


और चुनता भी है जो राह दिखे इसे आसान,
हमेशा कोशिश भी करता है बनने को महान,
चुक जाता है गर इतने प्रयत्न करके भी,
तो आखिर छूट ही जाती है जीवन की कमान।


फिर याद आया मुझे की भ्रष्टाचार भी तो जरुरी है,
जिसके बिना न्यूज़ चैनल, चुनावी पार्टियां अधूरी हैं,
बड़े पैमाने पर ही नहीं गली-२ इसका बोल बाला है,
कहते हैं लोग की काम निकालने को ये उनकी मज़बूरी है।


नोटबंदी की जाए या की जाए कोई भी नाकाबंदी,
कोई नही तरीका जिससे आये भ्रष्टाचार गुनाह में मंदी,
लोगों के पैतरे बहोत ही अलबेले और अनेकों हैं,
जहाँ वारदात पे नही शराब बंद होने पे होती है बन्दी।

Friday 7 July 2017

### आग का दरिया ///!!!

शमा ने परवाने की क्यों राख मांग दी,
जलते हुए परवाने ने भी फिर आग लांघ दी,
ये देखते हुए सिख लो अब तुम भी एक सबक,
सिर्फ शमा के विश्वास को परवाने ने जान दी।


सब जानता हूँ आग है अक्सर ही आगे इस डगर,

तो भी दुब जाता हूँ प्रेम में खो के क्यों मैं मगर,

विश्वास कर या फिर हो कर लाचार मैं भी यहाँ,

क्यों आता नहीं फिर मुझे शमा परवाने का विचार।


सीख के भी कभी इंसान मानता ही तो नहीं,

प्रेम और विश्वास में फर्क जानता भी तो नहीं,

काट के सर किसीका लाश पे होकर खड़े,

खुद की गलती को भी कभी पहचानता तो नहीं।


यही सब सोच मैंने अपनी भाषा बदल दी,

जितनी भी हो सकी अभिलाषा बदल दी,

और जुटा ली पूरी हिम्मत सामना करने को,

तो मुश्किल ने जिंदगी संग मिल परिभाषा बदल दी।